अगर आप भोजन न पचता हो, देर तक पेट और दिमाग में भारीपन लगे। कई-कई घंटे तक खाया-पीया हजम न हो, खट्टे डकार आते हों तो यह आसन पेट की बीमारी जैसे अपच, गैसे बनना, भुख ना लगना, खाना हजम ना होना, कब्ज, पेट में दर्द, आदि समस्त रोगों को दूर करता है साथ ही वजन भी कम होता है।
विधि: एकांत स्थान पर समतल जमीन पर आसन बिछाएं। पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें। अपनी आंखें खुली रखें तथा श्वांस को अंदर खींचते हुए दोनों पैरों को एक साथ लगभग एक फिट ऊंचा उठाएं।
सावधानी- आसन का अभ्यास धैर्य पूर्वक करें। जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में शरीर पर अधिक जोर ना दें।
इस आसन को श्वास, प्रश्वास करने से एकाग्रता बढ़ती है। मन शांत और स्थिर होता है। अत: हम कह सकते हैं कि इस आसन के नियमित अभ्यास से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य उत्तम होता है।
विधि: एकांत स्थान पर समतल जमीन पर आसन बिछाएं। पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें। अपनी आंखें खुली रखें तथा श्वांस को अंदर खींचते हुए दोनों पैरों को एक साथ लगभग एक फिट ऊंचा उठाएं।
अपने सिर को जमीन पर टिकाये रखें। अपनी क्षमता के अनुसार श्वास रोककर कुछ देर इसी अवस्था में रहें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को एक साथ जमीन पर रखें और कुछ देर विश्राम करें। अभ्यास होने के बाद इस क्रिया को नियमित 5 बार करें।
सावधानी- आसन का अभ्यास धैर्य पूर्वक करें। जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में शरीर पर अधिक जोर ना दें।
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