Sunday, 28 August 2011

जोड़ों के दर्द को भूल जाएंगे इस प्राकृतिक फार्मुले से..

अब अनियमित दिनचर्या, श्रम रहित जीवन शैली, खानपान में गड़बड़ी आदि के कारण शरीर में वात बढ़ जाता है। यही कारण है कि आजकल  कम उम्र में ही लोगों को जोड़ो का दर्द अपनी गिरफ्त में ले रहा है। वैसे अधिकतर लोग मानते हैं कि जोड़ो का दर्द लाइलाज नहीं है। प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से इसके दर्द से राहत मिल सकती है। अगर जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो नीचे लिखे टिप्स जरूर अपनाएं।

एक पतीले में पानी गर्म करके उसमें एप्सम सॉल्ट मिलाएं। इस पानी में पैरों को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें। इस दौरान पैरों को हल्का-हल्का मलते रहें। पानी की गर्मी और मालिश से त्वचा के रोम-छिद्र खुल जाते हैं और एप्सम सॉल्ट शरीर के अंदर से यूरिक एसिड को बाहर खींच लेता है। पैरों को पोंछ लें और ढंक दें। इसके बाद हाथ और कोहनी को भी डुबोएं। ध्यान रहे कि पानी गर्म ही रहे। 10 से 15 मिनट बाद हाथों को भी पोंछकर ढंक लें। ताकि पसीना आ जाए। दिन भर में तीन बार इस क्रिया को दोहराएं। एप्सम साल्ट युक्त गर्म पानी में एक या कई तौलिए को भिगोकर सिलसिलेवार या एक साथ जोड़ों पर रखा जा सकता है। 10 से 15 मिनट बाद गीले तौलिए हटाकर जोड़ों को पोंछ लें और फौरन कुछ ओढ़कर सो जाएं।

- इस रोग का उपचार करने में तुलसी बड़ी कारगर भूमिका निभाती है क्योंकि तुलसी में वात विकार को मिटाने का प्राकृतिक गुण होता है। तुलसी का तेल बनाकर दर्द वाली जगह लगाने से तुरंत आराम मिलता है।

- ज्यादा तकलीफ होने पर नमक मिले गरम पानी का टकोर व हल्के गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करें।

- मोटापे पर नियंत्रण रखें। नियमित सूक्ष्म व्यायाम व योगाभ्यास करें।

-  भोजन में खट्टे फलों का प्रयोग न करें।

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