हल्दी के औषधीय गुण
हल्दी के औषधीय गुणों से प्राय: सभी लोग परिचित होते हैं। हल्दी शरीर में रक्त को शुध्द करने के साथ-साथ तीनों दोषों यानी वात्त-पित्त-कफ का भी शमन करती है।
यह शरीर की काया और रंग को सुधारने में एक महत्वपूर्ण देशी औषधि के रूप में कारगर भूमिका अदा करती है। इसे फेस पैक के रूप में बेसन के साथ लगाने से त्वचा में निखार आता है जबकि खांसी होने पर गरम पानी से उपयोग निम्नवत तरीके से रोगोपचार के लिए कर सकते हैं।
* मधुमेह से राहत : आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को हल्दी की गांठों को पीसकर तथा देसी घी में भूनकर और थोड़ी चीनी मिलाकर कुछ दिनों तक रोजाना देने से रोगी को काफी राहत मिलती है।
* पथरी से निजात : यदि शरीर में पथरी हो गई है तो हल्दी और पुराना गुड़ छाछ में मिलाकर सेवन करने से निजात मिल जाती है।
* बुखार की समाप्ति : ठंडी देकर आने वाले बुखार में दूध को गर्म कर हल्दी और कालीमिर्च मिलाकर पीने से बुखार जल्दी ही शरीर से छूमंतर हो जाता है।
* चेचक के घावों हेतु लाभदायक : देखने में आया है कि चेचक के घाव अक्सर व्यक्ति को रुलाकर रख देते हैं। इसलिए इस दौरान हल्दी और कत्थे को महीन पीसकर चेचक के घावों पर छिड़कें, निस्संदेह काफी लाभ पहुंचेगा।
* जुकाम का अंत : हल्दी और दूध को गर्म कर उसमें थोड़ा गुड़ और नमक मिलाकर बच्चों को पिलाने से कफ और जुकाम का अंत हो जाता है।
* रूप निखार के लिए सर्वोत्तम : अक्सर शादी-विवाह के दौरान दुल्हन की काया, सौंदर्य और रूप निखार के लिए हल्दी का उबटन, लेप और मालिश किया जाता है। इससे शरीर की काया और रंग में काफी सुधार होता है।
* सौंदर्य प्रसाधन सामग्री बनाने में उपयोगी : आज की तारीख में अधिकांश बड़ी-बड़ी कम्पनियां प्रसाधन सामग्री का निर्माण करने हेतु हल्दी को मुख्य अवयव के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं जिससे चेहरे की क्रीम और शरीर के लोशन का निर्माण किया जाता है। इस प्रकार हल्दी का उपयोग प्राकृतिक सौंदर्य रूपी प्रसाधन की डिमांड बन गई है जिसकी लोगों को सदा तलाश रहती है।
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