Wednesday, 20 April 2011

गर्मियों में लाभदायक हैं घरेलू शीतल पेय

शरीर को ठंडा रखने हेतु घरेलू शीतल पेयों का ही सेवन करें : गर्मियों में सूर्य का तापमान बढ़ते ही पेय पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से होने लगती है। शीतर पेय की बोतलों से लगभग सभी दुकानें सज जाती हैं लेकिन यह खबर पढ़कर शायद आपको आश्चर्य होगा कि ज्यादातर डिब्बाबंद पेय पदार्त हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते हैं। तरल आहार के रूप में मौजूद बाजारों में उपलब्ध शीतल पेयों को पीना एक तरह से जान-बूझकर रोगों को आमंत्रण देने के समान है।
इसके सेवन करने से जहां भूख खत्म हो जाती है, वहीं दूसरी तरफ मोटापा बढ़ने का तरा भी मंडराने लगता है। इसीलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्मियों में यदि आप सेहतमंद बने रहना चाहते हैं तो शरीर की आंतरिक शीतलता कायम रखने हेतु घर में खुद के द्वारा तैयार किए गए शीतल पेयों का सेवन करना ही श्रेयस्कर होगा क्योंकि बाजार में मौजूद अधिकांश शीतल पेय प्रदूषित तथा कृत्रिम रसायनयुक्त होते हैं। ये पेय निस्संदेह सम्पूर्ण सेहत का नाश करके शरीर को गंभीर नुकसान ही पहुंचाते हैं। लाभ की बात सोचना तो कोरी बेवकूफी होगी।
ग्रीष्म ऋतु के दौरान सेवन योग्य शीतल पेयों में नारियल पानी, बेल का रस, पुदीने का रस और अप्रैल से लेकर नवंबर तक नींबू के रस की मांग सबसे ज्यादा होती है। इन सभी उपरोक्त शीतल पेयों का निर्माण आप स्वयं घर बैठे सफाईयुक्त तरीके से कर सकते हैं जो खास तौर पर इस ऋतु में स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। वैसे भी, कृत्रिम रूप से बनाए गए शीतल पेयों से शरीर को वह फायदा नहीं होता है जो घर में तैयार किए हुए शीतल पेयों से पहुंचता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलू शीतल पेयों के बारे में जिसके सेवन मात्र से शरीर को तृप्ति प्रदान होती है।
नींबू का रस- गर्मियों के आने मात्र से नींबू की शिकंजी लगभग हरेक घरों में बनी नजर आती है। शिकंजी का सेवन करके मेहमान जहां खुश हो जाते हैं वहीं मलेरिया ज्वर आदि परेशानियों में भी लाभ मिलता है। बार-बार जी मिचलाने की विकृति और अजीर्ण रोग में नींबू का रस रामबाण औषधि के रूप में काम करता है जबकि शरीर में जल की कमी प्यास आदि शांत करने में अव्वल नजर आता है।
गर्मियों के दिनों में नींबू के रस यानी शिकंजी की मांग लोगों में अधिकाधिक देखी जाती है जिसका निर्माण घरों में कोई भी व्यक्ति बड़ी सरलतापूर्वक कर सकता है। अधिक स्वादिष्ट व गुणकारी बनाने हेतु गृहणियां इसमें हींग, अदरक का रस, काला नमक और सेंघा नमक का मिश्रण आवश्यकतानुसार प्रयोग कर सकती हैं।
बेल का रस- गर्मियों में दूसरे नंबर पर बेलगिरी का रस अर्थात् शरबत बनाने का आता है। यह उस बेलगिरी के गूदे से तैयार किया जाता है। अतिसार, पेचिश और रक्तातिसार रोगियों के लिए यह काफी फायदेमंद रहता है। यातायात में फंसे लोगों को हुए डिप्रेशन और मानसिक तनाव में यह कई लाभ पहुंचाता है जबकि अल्सर से पीड़ित रोगियों के लिए यह रस अत्यंत गुणकारी साबित होता है। यह मोटापा घटाने में भी अपनी अहम् भूमिका निभाता है।
पुदीने का रस- अक्सर हॉट गर्मी में पुदीना काफी लाभदायक होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से पिपरमेंट होता है। यह कोशिकाओं में सूचना तंत्र को सुचारू करने के साथ ही लू, बुखार, जलन व गैस की परेशानियों से दो-चार हो रहे लोगों को काफी लाभ पहुंचाता है। इसको भी नींबू के रस की भांति बहुत ही आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसको पीने के उपरांत उल्टी आने जैसी शिकायत भी स्वत: दूर हो जाती है।
नारियल का रस- यूं तो नारियल पानी को ही नारियल का रस कहा जाता है कि किन्तु यह बात बहुत कम लोग ही जानते होंगे। प्राय: इस उमस भरी गर्मी में शीतलता का मंद-मंद अहसा कराने वाला यह प्राकृतिक रूप से तैयार शीतल पेय बनाने के लिए किसी को कुछ करने की जरूरत नहीं होती।
पेय रूप में स्वयं ही तैयार हुआ नारियल रस न सिर्फ हमें टेस्टी ही लगता है अपितु अत्यधिक पसीने के कारणवश शरीर से निकले मिनरल्स की भी भरपाई कर देता है। इसलिए यदि आप कठिन परिश्रम करते हैं तो नारियल पानी रूपी रस का सेवन जरूर करें। यह आपके लिए काफी लाभदायक होगा।
गुलाब का रस- ‘रूह अफजा’ नामक बाजार में मिलने वाले इस शीतल पेय पदार्थ को यदि घर में ही तैयार कर लें तो यह सेहत की दृष्टि से काफी लाभप्रद होगा। इसके लिए गुलाब के फूलों का रस निकालकर चीनी की चाशनी में मिलाकर तैयार किया जा सकता है इस तरह गुलाब का रस पीते समय व्यक्ति को गुलाब की सुगंध भी आती है।
यह शर्बत रूपी रस पेशाब की जलन को कम करके शरीर की थकावट और प्यास की तीव्रता को शांत करता है। यही नहीं, इसके रोजाना सेवन से नेत्रों की जलन और लालिमा नष्ट होती है। इसलिए नियमित रूप से गुलाब और ताजगी के लिए नितांत आवश्यक है

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