हड्डी के टूटने / हड्डी का टेढ़ापन और सड़े-गले घावों का उपचार
यह संदेश निर्मल कुमार अवस्थीजी ने जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ के वैध मनहरलाल लाठिया का साक्षात्कार लेते समय का है.
मनहरलाल लाठिया का कहना है की वह टूटी हड्डी, हड्डी का टेढ़ापन और सड़े-गले घावों को ठीक करते है…इनका कहना है के वह एक लेप बनाते है और उसे घावों पर लगते है.. जिससे सडा-गला मांस पानी बनकर बह जाता है और नया मांस आने लगता है….यह अभी तक ऐसे लगभग 200 मरीजों को ठीक कर चुके है.. वह मरीजों को हठजोड़ खिलाते है और शंखपुष्पी का चूर्ण देते है….इनके अनुसार इन्होने एक चमत्कारी चूर्ण बनाया है जिसमे काला जीरा, अजमोठ और मैथी होती है…इस चूर्ण को देने से घावों का सड़ना-गलना रुक जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है…अगर किसी का ज्यादा खून बहने लगे तो यह उसका भी इलाज करते है…साथ ही यह अनियमित माहवारी भी का भी इलाज करते है….यह इलाज के लिए चूर्ण और अपनी बनाई गोली भी देते है…
विभिन्न प्रकार के विष का उपचार
October 3, 2013
यह संदेश डॉ. एच.डी. गाँधी का धर्मार्थ दवाखाना, संजय नगर (रायपुर) छत्तीसगढ़ से है:
इस संदेश में डॉ. एच.डी. गाँधी का कहना है की अगर बिच्छु काटे स्थान पर अकौए (Calotropis gigantea) का दूध लगाने से लाभ मिलता है…काटे हुए स्थान पर पोटेशियम पेर्मेगनेट (Potassium Permanganate) या कार्बोलिक एसिड (Carbolic Acid) लगाने से लाभ होता है….तीसरा इमली का बीज पत्थर पर पानी से साथ रगड़कर दंश वाले स्थान पर लगाने से वह चिपककर सारा विष खीच लेता है….चौथा इन्द्रायण के फल का 5 ग्राम गुदा खाने से लाभ होता है….सांप काटने पर कालीमिर्च और प्याज़ पीसकर दंश वाले स्थान पर लगाये इससे प्याज़ का रंग हरा हो जायेगा…यह प्रक्रिया दोहराते रहे जब तक प्याज़ का रंग बदलना जारी रहे….सांप काटे स्थान पर अकौए (Calotropis gigantea) का दूध टपकाते रहे जब तक दूध कर रंग सफ़ेद न होने लगे….कनखजूरा काटने पर अकौए का दूध लगाने पर लाभ होगा.. यदि कनखजूरा चिपक गया है तो उस पर सरसों का तेल लगाये….मधुमक्खी के काटने पर तुलसी की पत्तियों को नमक में पीसकर लगाने से लाभ होगा….घर में लहसुन का चूर्ण पोटली में बांध कर रखने से चींटी-तिलचट्टे घर में नहीं आते है….भांग के नशे में दही पिलाने से लाभ होता है… तम्बाकू का नशा प्याज़ का रस 10 मी.ली. पिलाने से नशा उतर जाता है….मकड़ी का विष सौंठ और जीरा पानी में पीसकर लगाने से उतर जाता है…सूरजमुखी के 15 ग्राम बीज पीसकर खाने से सभी प्रकार के विष उतर जाते है….डॉ. एच.डी. गाँधी का संपर्क है 9424631467 है…
दूध बढ़ाने के लिए
October 3, 2013
यह संदेश डॉ. एच.डी. गाँधी का धर्मार्थ दवाखाना, संजय नगर (रायपुर) छत्तीसगढ़ से है:
इस संदेश में डॉ. एच.डी. गाँधी का कहना है की जिन स्तनपान कराने वाली माताओं का दूध कम आता है वह सतावर का 10 ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से दूध में वृद्धी होती है…दूसरा विदारीकन्द का 5 ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है….कच्चे पपीते के सेवन से भी दूध में वृद्धी होती है…रक्त प्रदर होने पर 50 ग्राम चावल को पानी से धो कर उसे दुबारा 100 ग्राम पानी में 4 घंटों के लिए भिगोने के बाद उसे मसलकर उस पानी के सेवन से लाभ होता है….दूसरा केले की नर्म जड़ के 10 ग्राम रस का प्रतिदिन सेवन करने से लाभ होता है….तीसरा गुलर की 200 ग्राम छाल 250 ग्राम पानी में उबालकर 50 ग्राम शेष रहने पर उसमे 25 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम सफ़ेद जीरे कर चूर्ण मिलकर सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है…चौथा प्रसव में पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है…. डॉ. एच.डी. गाँधी का संपर्क है 9424631467
गुलर के गुण
October 3, 2013
यह सन्देश वैध श्री निर्मल अवस्थी का , वार्ड क्रमांक 4, कस्तूरबा नगर बिलासपुर छत्तीसगढ़ से है:
इस संदेश में निर्मलजी गुलर (Cluster Tree- Ficus racemosa) के गुणों के बारे में बता रहे है…इनका कहना है की ताजा और सूखे फल शहद, शक्कर और मिश्री के साथ खाने से प्रदर रोग मिटता है…गुलर के पके हुए फल सैंधा नमक के साथ खाने से असाध्य प्रमेह रोग भी मिटता है….गुलर के पत्तियों का रस पीने से हृदय, यकृत और वात विकार भी दूर होता है….गुलर के पत्तियों का 6 ग्राम रस प्रतिदिन पीने से रक्त प्रमेह भी मिटता है….गुलर के कच्चे फलों का समभाग शक्कर मिलकर चूर्ण बना कर रख ले इस चूर्ण को प्रतिदिन 5 ग्राम दूध के साथ लेने से शक्ति बढती है याद रखे दूध यदि गाय (Cow Milk) का हो तो ज्यादा लाभदायक है….प्रतिदिन गुलर फल खाने से मधुमेह (Diabetes) मिटता है…गुलर के कच्चे फल का साग खाने से भी मधुमेह मिटता है….सड़े-गले घावों पर गुलर की पत्तियां पीस कार लगाने से काफी आराम मिलता है….गुलर का पानी मिला दूध औटाकर पीने से पुराना बुखार (Old Fever) उतरता है…निर्मलजी का संपर्क है: 09685441912
वातनाशक तेल
October 3, 2013
यह संदेश वैध श्री निर्मल अवस्थी का , वार्ड क्रमांक 4, कस्तूरबा नगर बिलासपुर छत्तीसगढ़ से है:
निर्मलजी इस संदेश में वातनाशक तेल के बारे में बता रहे है जो घुटने, कमर और शरीर दर्द में लाभदायक है जिसे हम घर में ही बना सकते है….इसके लिए सरसों का तेल (Mustered Oil) 500 ग्राम, केवड़े के बीज 25 ग्राम, धतूरे के बीज 25 ग्राम, तम्बाकू जर्दा (Tobacco Leaves)25 ग्राम और लहसुन की कलियाँ (Garlic) 25 ग्राम, इस सभी सामग्रियों को साफ़ करके सरसों के तेल में डाल कर धीमी आंच पर पकाएं जब सारे घटक (सामग्री) जल जाएँ और तेल 3/4 बच जाये तो इस तेल तो ठंडा कर के छान कर रख ले….यह तेल दर्द वाले स्थान पर लगा कर मालिश करे और अकौए (Calotropis gigantea) के पत्ते तो थोडा गरम कर उस दर्दवाले स्थान की सिकाई करे….घर पर बने इस तेल के उपयोग से आराम होगा…..जिन भाइयों को गठियावत हो तो वह इस के साथ अश्वगंधा, विधारा और मीठी सुरंजन (Colchicum Luteum) 100-100 ग्राम और सौंठ 25 पीस कर चूर्ण बना ले और इस चूर्ण को सुबह-शाम 5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ लेने से लाभ होगा….निर्मलजी का संपर्क है: 09685441912
धातु रोग का घरेलु उपचार
October 2, 2013
यह संदेश अनंतराम श्रीमाली का सागर से है:
इनका कहना है की यह समस्त रोगों का उपचार जड़ी-बूटियों से करते है इनका कहना है की धातु रोग का उपचार करने के लिए तुलसी के बीज 2 ग्राम, शाम को एक मुट्ठी धनिया (Coriander Seeds) 200 ग्राम पानी में फुलाएं और उस पानी से धनिया को निकाल कर उसी पानी में तुलसी के (Basil Seeds) बीज पीस कर लेने से धातु रोग ठीक होने लगते है…..अनंतराम श्रीमालीजी का संपर्क है: 9179607522
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