Thursday, 13 February 2014

पारंपरिक चिकित्सा 1


अडूसा के औषधीय गुण / Medicinal Properties of Adhatoda vasica
January 9, 2014

यह संदेश लोमेश कुमार बच का लिमरू वन औषधालय, जिला कोरबा, छतीसगढ़ से है. इस संदेश में वह अडूसा जिसे वासा भी कहा जाता है. इसका पौधा 4 से 10 फीट तक ऊँचा होता है और इसके पत्ते 3 से 8 इंच लम्बे होते है. इसके फूल सफ़ेद रंग के होते है. यह दो प्रकार का होता है श्वेत वासा और श्याम वासा पर श्वेत वासा ही बहुतायत में पाया जाता है…वासा का गुणधर्म उत्तम उत्तेजक, कफ निसारक, आक्षेपकहर है इसका फूल उष्ण, कडवा, ज्वराग्न और रक्त की उष्णता और मांसपेशियों के खिचाव को कम करने वाला होता है.

इसके औषधीय उपयोग हेतु इस पौधे के विभिन्न भागो की अनुशंसित मात्रा इस प्रकार है:

1. पत्र का स्वरस (पत्तियों का अर्क) 1-2 तोला

2. मूल तत्व चूर्ण (जड़ों का चूर्ण) 2-5 रत्ती

3. मूल क्वाथ को 4-8 तोला

इसका प्रयोग कई रोगों के निदान के लिए किया जाता है. उनमे से नया पुराना फुस्फुस रोग, जिसे (ब्रोंकाइटिस) भी कहते है, के उपचार के लिए इसके पत्ते, कंठकारी (जिसे भट्टकटैया भी कहते है), नागरमोथा और सौंठ को समभाग मिलाकर काढ़ा बनाकर 4-8 तोला तक दिया जाता है.

रक्तपित्त, में जिसमे नाक से या खांसी से खून आता है, के उपचार के लिए इसकी पत्तियों का रस शहद में मिलाकर दिया जाता है. बच्चों की कुकूर खांसी में इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर देने से कुकूर खांसी और ज्वर में आराम मिलता है. शरीर पर फोड़ा होने पर वाचा की पत्तियों को पानी में पीसकर उसकी लुगदी फोड़े पर लगाने से फोड़ा बैठ जाता है. हाथ-पैरों की ऐंठन और वेदना होने पर वाचा के पत्तियों का रस 500 मी.ली और तिल का तेल 250 मी.ली को पकाकर तेलपाक होने पर इस तेल की मालिश करने से लाभ होता है.

लोमेशजी से संपर्क 9753705914 पर कर सकते है.


Tribal procedure of making Tea / चाय बनाने का पारंपरिक तरीका
January 8, 2014

यह संदेश श्री दीपक आचार्य का अभुमका हर्बल्स प्रा. ली, अहमदाबाद से है… इस संदेश में दीपकजी का कहना है की ठण्ड का मौसम जोरो पर है और ऐसे में चाय का अपना अलग ही महत्व है यह हमें आदिवासी अंचलों में लोगो द्वारा बनाई जाने वाली चाय के बारे में बता रहे है…इनका कहना है की इनके द्वारा बनाई जाने वाली चाय न केवल ठण्ड से निजात दिलाती है बल्कि यह चाय सेहत के लिए भी लाभदायक होती है…इसे बनाने के लिए दो कप पानी में एक चम्मच चाय मिलाकर खौलाते है जब यह एक कप बच जाती है तो फिर उसमे 3 चम्मच शक्कर मिलाई जाती है… आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार इस तरह की मीठी चाय न केवल दिमाग को शांत रखने में सक्रिय भूमिका निभाती है बल्कि यह तनाव को भी कम करती है… दूसरे प्रकार की चाय बुंदेलखंड के ग्रामीण तैयार करते है वह इसे गौती चाय कहते है… इसके लिए लेमन ग्रास की 2-3 पत्तियों को कुचलकर 2 कप पाने में उबाला जाता है…फिर इसमें शक्कर मिलाई जाती है स्वादानुसार इसमें कुछ बूंदे नीबू रस और थोडा अदरक भी डालते है…इस चाय में दूध का उपयोग नहीं किया जाता है… यह चाय एंटी-आक्सीडेंट से भरपूर होती है जो हमें बाहरी संक्रमणों से बचाती है… दीपकजी का संपर्क है 9824050784

This is a message of Deepak Acharya from Abhumka Herbals Pvt. Ltd, Ahmedaba …In this message Deepakji is telling us traditional procedure of tea making in Tribal areas… He said this sweet tea not only helpful to beat cold but it is very beneficial for health as well… To make this sweet tea boil 2 cup water with 1 spoon tea leaves when water remains 1 cup add 3 spoons sugar…as per Tribal analysts this tea keeps our mind calm & reduce depression…Second type of tea commonly used in the rural areas of Bundelkand and well known as “Gauti”…To prepare this tea boil 2 cup water by adding 2 -3 crushed leaves of Lemon grass then add sugar, lemon juice & ginger as per taste… This “Gauti” tea is full of Anti-oxidant properties and helping to fight infections…Deepakji’s at 9824050784


पेचिश का पारंपरिक उपचार / Traditional remedy for Dysentery
January 7, 2014

यह संदेश श्री अनंतराम श्रीमाली का सागर मध्यप्रदेश से है… अपने इस संदेश में श्रीमालीजी हमें पेचिश और पेट में होने वाली मरोड़ के पारंपरिक उपचार के बारे में बता रहे है… इनका का कहना है की काला जीरा भूनकर 50 ग्राम और 10 ग्राम कुंदस (पंसारी की दुकान में उपलब्ध होता है) का चूर्ण बनाकर उसमे 20 ग्राम मिश्री मिलाकर इसे 10ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ लेने से मरोड़ वाली पेचिश ठीक होगी… अगर पेचिश खून के साथ हो रही हो तो उसके उपचार के लिए राल, सौंठ, सौंफ, अनार का छिलका और खसखस 5-5 ग्राम लेकर उसका चूर्ण बना लें… उसमे 15 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम10 ग्राम लेने से खूनी पेचिश ठीक होती है…अनंतराम श्रीमालीजी का संपर्क है 9179607522

This is a message of Shri. Anantram Shrimali from Sagar, Madhya Pradesh… In this message he is telling us traditional remedy to cure Dysentery… He said take roasted Black Cumin seed 50 gram, Kundes (Easily available at grocery shop) 10 gram & after making fine powder add 20 gram sugar candy… By taking this combination in 10 gram quantity with water twice a day can cure Dysentery… If Dysentery with mucus & blood take Rasin, Dry Ginger, Fennel seeds, Poppy seeds & Pomegranate skin 5 gram each & make fine powder of these all ingredients add 15 gram sugar candy & take 10 gram twice a day…It can be useful to cure Dysentery with blood & mucus… Anantram Shrimali’s at 9179607522


पुनर्नवा की औषधीय उपयोगिता / Medicinal usage of Punarnava (Boerhavia diffusa)
January 6, 2014

यह संदेश निर्मल अवस्थी का वार्ड क्रमांक 4, कस्तूरबा नगर, बिलासपुर से है…अपने इस संदेश में अवस्थीजी हमें दिव्य औषधि पुनर्नवा के चिकित्सीय गुणों के बारे में बता रहे है…इनका कहना है की पुनर्नवा पगडंडियों के किनारे, बाड़ो में, खेतों की मेड़ो पर आसानी से देखी जा सकती है…इसका पंचांग शीत ऋतु के अंतिम चरण में सुखाकर बंद डिब्बों में रखना चाहिये… इस प्रकार रखने से यह 6 माह से 1 वर्ष तक गुणकारी रहती है… इनका कहना है की पुनर्नवा के उपयोग से मूत्र की मात्रा में पर्याप्त वृद्धी होती है…हृदय का कार्य व्यवस्थित हो जाता है तथा धमनियों में रक्त संचार बढ़ जाता है…जिसके परिणाम स्वरूप शोथ दूर हो जाता है और शरीर को बल मिलता है. पुनर्नवा का 25-40 ग्राम पंचांग 8 गुना जल में मिलाकर पकाएं जब वह चौथाई शेष रह जाये तो उसे छानकर रख लें. इसका सुबह और शाम 10 मी.ली मात्रा में 1 ग्राम सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करें…पुनर्नवा बाल-शरबत -पुनर्नवा की पत्तियों का रस 100 मी.ली., मिश्री चूर्ण 200 ग्राम तथा छोटी पीपली का चूर्ण 12 ग्राम मिलाकर पकाएं जब गाढ़ी चाशनी बन जाये तो छानकर रख लें..मात्रा 4-8 बूंद उम्रनुसार बच्चों को दिन में 4-5 बार चटायें. यह बच्चों को होने वाले अनेक प्रकार के रोगों जैसे खांसी, श्वास, दमा, लार बहाना, यकृत विकार, सर्दी-जुकाम, वमन तथा हरे-पीले दस्त के उपचार में लाभदायक है…निर्मल अवस्थीजी का संपर्क 9685441912

This is a message of Nirmal Awasthi from ward no. 4, Kasturba Nagar, Bilaspur..In this message Nirmalji is describing us medicinal usages of Punarnava (Boerhavia diffusa).. Punarnava is a herb & commonly found in farms, rural trails & at road sides. Punarnava enhances the amount of urine discharge…organised  heart functioning..increases blood flow in arteries which results inflammation goes away… Boil 25-40 grams Punarnava panchang (Leaves, flower, bark, seeds & root) in eight times more water than the weight of panchang.. when quarter water remains filter this preparation and take this in 10 ml in quantity after adding 1 gram dry ginger powder twice a day. To prepare Punarnava syrup for children take 100 ml juice of Punarnava leaves, 200 gram sugar candy (Mishri) and 12 gram (Choti Pipli) powder and boil until this combination converts into paste after filtering give 4-5 drops according to child’s age…Contact of Nirmal Kumar Awasthi is 9685441912


शीत ऋतु में बालों की देखभाल / Hair care in winter
December 26, 2013

यह सन्देश दीपक आचार्य का अभुमका हर्बल्स, अहमदाबाद से है ..इस संदेश में दीपकजी हमें ठण्ड के दिनों में बालो को रुसी और बाल झड़ने से बचने के देशी उपायों के बारे में बता रहे हैं…वह आज हमें दो नुस्खो के बारे में बता रहे है…पहला बालों में जब रुसी हो जाये तो मैथी के दानो को पीसकर चूर्ण बना ले…यह चूर्ण 3 ग्राम मात्रा में पानी में मिलाये फिर इसे बालों पर लगायें और आधे घंटे बाद बाल धों लें…ऐसा सप्ताह 2-3 बार करने से रुसी से छुटकारा मिल जायेगा…दूसरा नुस्खा बालों को ठण्ड के मौसम में स्वस्थ और लम्बा रखने के नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर सर की हलकी मालिश करें…इससे रुसी से छुटकारा मिल जायेगा तथा बाल भी स्वस्थ रहेंगे…दीपकजी का संपर्क है 9824050784

This is a message of Deepak Acharya from Abhumka Herbals Pvt. Ltd., Ahmedabad…In this message he is suggesting us how to take care of hairs in Autumn… He said to protect hairs from dandruff mix 3 gram Fenugreek powder in water and apply this solution to hairs & after half an hour wash hairs properly…& this should be repeated 2-3 times a week…Second remedy to keep your hair healthy & lengthy is add Lemon juice to coconut oil and massage your hair by using this combination….Deepakji’s at 9824050784


अडूसा के औषधीय गुण / Medicinal properties of Adusaa
December 24, 2013

यह संदेश निर्मल अवस्थी का वार्ड क्रमांक 4, कस्तूरबा नगर, बिलासपुर से है…इस संदेश में निर्मलजी हमें अडूसे की चिकित्सीय उपयोगिता के विषय में बता रहे है…इसे वासा के नाम से भी जाना जाता है…इनका कहना है की खांसी होने पर अडूसे की पत्तियों का रस 10 ग्राम और शहद 5 ग्राम प्रातः और शाम दोनों समय सेवन करना चाहिए और ताज़ी पत्तियों के न मिलने की दशा में छायादार जगह पर सुखाये अडूसे के फूलों का चूर्ण का भी उपयोग कर सकते है…बच्चों को जो काली खांसी होती है जिसे कुकुर खांसी भी कहते है के होने पर…वासा की जड़ का काढ़ा डेढ़ से दो चम्मच दिन में दो से तीन बार बच्चों के देने से लाभ होता है…काढ़ा बनाने के लिए अडूसे की जड़ को पानी में उबलना चाहिए जब पानी आधा रह जाये उसे है काढ़ा कहते है…वासा की जड़ का शरबत बनाकर विधिपूर्वक उपयोग करने से पुरानी से पुरानी खांसी और क्षय रोग तक नष्ट होता है…वासा के फूलों को दूगनी मात्रा में मिश्री मिलाकर मिट्टी या कांच के पात्र में रखने से गुलकंद तैयार हो जाता है…इस गुलकंद की 10 ग्राम मात्रा का नित्य सेवन करने से वात / श्वांस / पुराना जुकाम / रक्त-पित्त के रोगियों को लाभ मिलता है… यह ज्वरनाशक और रक्तशोधक है… इसके अतिरिक्त यह रक्तस्राव को रोकने वाला है…इसका प्रयोग शरीर में धातु निर्माण क्रिया को बढ़ाने के लिए कमजोरी दूर करने वाले टॉनिक के रूप में भी होता है… निर्मलजी का संपर्क है 9685441912

This is a message of Nirmal Awasthi from ward no. 4, Kasturba Nagar, Bilaspur… In this message he is describing us the medicinal usages of Justicia adhatoda, commonly known as ”Adusaa” or “Vasa” in Hindi language…He said for curing cough take 10 gram juice of Adusaa leaves, add 5 gram Honey in it and take this morning & evening… In case of unavailability of fresh leaves of Adusaa, shadow dry flowers of Adusaa could be taken…In case of Whooping cough this is commonly happens is children give them decoction of Adusaa root…Procedure to make decoction is take root of Adusaa and boil it with water & when water remains half of its actual quantity is known as decoction…Store flowers of Adusaa in Clay or Glass jar add sugar candy (Mishri) in just double quantity of flowers…few days later “Gulkand” become formed…This is a tonic & could be taken in weakness & to improve vitality…Nirmalji’s at 9685441912


हर्बल रूम फ्रेशनर / Herbal room freshener
December 23, 2013

यह संदेश दीपक आचार्य का अभुमका हर्बल्स प्रा.लि अहमदाबाद से है… यह आज अपने संदेश में घरेलू रम फ्रेशनर बनाने का तरीका बता रहे हैं…इनका कहना है की हम फलों के छिलकों को प्रायः फेंक देते है… पर यह एक बेहतरीन और प्राकृतिक रूम फ्रेशनर बनाने के काम आ सकते है…इसे बनाने के लिए खट्टे मौसमी फलों जैसे संतरा, नीबू और मौसंबी के छिलकों को के बर्तन में पानी के साथ उबालें साथ ही इसमें कुछ दालचीनी और 2-4 लौंग भी डाल दे…जब यह खौलने लगे तो सावधानीपूर्वक इस खौलते हुए पानी को अपने घर के सभी कमरों में घुमाएँ…आप पाएँगे की आपके कमरों में एक अच्छी सुगंध फ़ैल जाएगी…इसकी यह सुगंध 12 प्रकार के सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देती है… दीपक आचार्य का संपर्क है 9824050784

This is a message of Deepak Aacharya from Abhumka Herbals Pvt. Ltd., Ahmedabad… In this message he is telling us how to make household herbal room freshener by using sour fruit skins. He is saying we often throw fruits skins..but they could serve to make the best & natural room freshener.. For doing so boil some sour fruits skins like Orange, Lemon & sweet Lemon in the pot add some Cinnamon & 2-4 Cloves to it. When it starts boiling…Carefully carry this boiling combination in every room of your house… You will feel fine fragrance in your home & this fragrance has disinfectant properties and that kills about 12 types of bacteria’s as well…Deepakji’s at 9824050784


कील-मुहांसों का उपचार / Treatment of Acne & Pimples
December 22, 2013

यह संदेश सरोजनी गोयल का बाल्को कोरबा, छत्तीसगढ़ से है इस संदेश में वह कील और मुहांसो के उपचार के बारे में बता रहीं है…लाल चन्दन और जायफल को पानी में घिसकर चेहरे पर लगाने से मुहांसे नष्ट होते है…चौथाई नीबू का रस थोड़ी सी हल्दी और चुटकी भर नमक मिलाकर थोड़े से गुनगुने पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाकर थोड़ी देर रहने दे फिर ठन्डे पानी से धो ले…इसे सप्ताह में 2 बार दोहराए लाभ होगा….नीम की जड़ को पानी में घिसकर चेहरे पर लगाये शीघ्र लाभ होगा…हल्दी और बेसन घोलकर नहाने से पहले चेहरे पर लगाने से लाभ होगा…

नीबू का रस शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयाँ और झुर्रियां दूर होंगी…30 ग्राम पिसा अजवाइन 30 ग्राम दही में मिलाकर चेहरे पर रात को सोते समय लगाये और सुबह ठन्डे पाने से धो ले लाभ होगा…मसूर को नीबू के रस के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से लाभ होगा…त्वचा की रंगत बरकरार रखने के लिए जामुन और आप के पत्तों को हल्दी और गुड में लुगदी बनाकर त्वचा पर लेप करें इससे त्वचा कांतिमय हो जाएगी…. बरगद का दूध ऊँगली से चेहरे पर मलने से चेहरे का रंग निखर आता है…थोडा सा दूध चुटकी भर नमक मिलाकर रुई से चेहरे पर मलने से कांति बढती है…सरोजनीजी का संपर्क है: 9165058483

This is a message of Sarojini Goyal from Balko, Korba, Chhatisgarh…In this message she is telling us traditional treatment of Acne & Pimples…She said rub Red Sandalwood (Rakt Chandan) & Nutmeg (Jaayfal) on rough stone with little water until smooth paste is formed and apply this paste on face to cure pimples… Mix quarter lemon juice, little bit turmeric powder & one pinch common salt to small amount of lukewarm water & apply this on face & after few minutes wash your face with cold water…repeat this procedure twice a week…Dilute turmeric powder & gram floor in water and apply this on your face… By applying mixed combination of lemon juice & honey can reduce wrinkles…Apply Banyan tree milk on face with the help of finger tips this can useful for enhancing glossiness & shining on face…Sarojaniji’s at 9165058483


नीबू के औषधीय गुण / Medicinal properties of Lemon
December 21, 2013

यह संदेश शिवकुमार विश्वकर्मा का पांढुर्ना, मध्यप्रदेश से है…इस संदेश में वह हमें नीबू के गुणों के विषय में बता रहे है…इनका कहना है की सुबह एक गिलास पानी में नीबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है… खाने के सोडे (मीठे सोडे) में नीबू का रस मिलाकर मंजन करने से दांत चमकदार होते है…दो चम्मच नारियल तेल में 1 टिकिया कर्पुर और 1 चम्मच नीबू मिलाकर सर की मालिश करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है…नहाते समय पानी में 2-3 नीबू का रस और थोडा से नमक मिलाकर नहाने से शरीर की कांति बढती है…भूने हुए नीबू को शहद के साथ खाने से हैजे के कारण हो रही उल्टियाँ रूकती है… नीबू का रस थोडा गरम कर उसमे थोडा शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटने से गले की तकलीफ में आराम मिलता है… नीबू के बीजों का चूर्ण गरम पानी के साथ खाने से पेट के कृमि नष्ट होते है… भोजन से पहले एक गिलास पानी में एक नीबू का रस निचोड़कर पीने से भूख में बढ़ोतरी होती है…शिवकुमार का संपर्क है 9479614459

This is a message of Shivkumar Vishwakarma from Pandhurna, Madhya Pradesh… In this message his is telling us traditional usages of Lemon… He said for reducing weight add lemon juice & 2 tablespoon honey in glassful water and drink regularly at morning… Add little lemon juice to Backing soda and use this combination as toothpaste that makes your teeth bright & shiny…Massaging your head by camphor & lemon mixed coconut oil that can be useful to stop hair loss… Add 2-3 lemon juice and little salt to your bathing water this can be increase body glossiness… Roasted lemon with honey can stop vomiting caused by cholera… By drinking lemon seed powder with lukewarm water it is useful to destroy stomach worms…Shivkumar’s at 9479614459    


खसरे की परंपरागत चिकित्सा / Traditional remedy of Measles
December 20, 2013

यह संदेश अनंतराम श्रीमाली का सागर, मध्यप्रदेश से है…इस संदेश में अनंतरामजी हमें खसरे से बचने का परंपरागत उपाय बता रहे है इनका कहना है की जब बुखार लगातार2-3 दिनों तक आये और खसरे यह चेचक के लक्षण हो तो गुडहल जिसे जासवंद भी कहा जाता है इसके फूल का हरा छिलका निकालकर 2 फूल उसे खिला दे..इससे खसरे का प्रकोप कम होगा… दूसरा उपाय के तहत अगर खसरा हो गया है और शरीर पर दाने दिखने लगे हो तो नीम के पानी से ही उसको स्नान कराये और रोगी के कमरे में गुडहल के फूल और नीम की पत्तियाँ रखे क्योंकि इसमें कीटनाशक गुण होता है… इससे रोगी को दाह (जलन) नहीं होगी.. अगर खसरा होने की संभावना भी हो तो उसके रोकथाम की दृष्टी से रोग संभावित व्यक्ति को दो गुडहल के फूल खिला दे…एक सावधानी रखे की रोगी से अन्य स्वास्थय व्यक्ति यथासंभव दूर रहे जिससे इस रोग को फैलने से रोका जा सके…अनंतराम श्रीमाली का संपर्क है 9179607522

This is a message of Anantram Shrimali from Sagar, Madhya Pradesh…In this message Anantramji is suggesting us traditional remedy for curing Measles. He said if fever persists for 2-3 days and if there could be possibility of Measles then 2 flowers of Hibiscus (Jaswand) after removing green rind can be given to the patient. Secondly, Bathing with Azadirachta indica (Neem) treated water can be very useful for the patient as Neem has disinfectant properties…& it can reducing burning sensation as well. Healthy person should keep distance from patient as much as possible to prevent spreading of disease…Shrimaliji’s at ९१७९६०७५२२



कांतिमय चेहरे के लिए टमाटर का उपयोग / Tomato’s for glossing face


यह संदेश श्री दीपक आचार्य का अभुमका हर्बल्स प्रा. लि, अहमदाबाद से है…अपने इस संदेश में दीपकजी हमें बता रहे है की किस प्रकार आदिवासी अपने चेहरे की रंगत को बढ़ाने के लिए टमाटर के रस का उपयोग करते है…इनका कहना है की एक गिलास टमाटर का रस तैयार कर लिया जाये और उसमे 2 चम्मच शहद मिलकर पिया जाये तो मात्र एक महीने में ही चेहरे पर रंगत दिखाई देने लगती है… इसी प्रकार 2 टमाटर और एक गिलास पानी को मिक्सर में पीस कर उसे बिना छाने 30 दिनों तक पीने से चेहरे पर रंगत दिखाई देने लगती है, चेहरे के निशान और झुर्रियां मिट जाती है… पातालकोट के हर्बल जानकार जिन्हें भुमका कहा जाता है वह इसे नुस्खे का उपयोग वजन कम करने के लिए करते है उनका मानना इस प्रकार इसे प्रतिदिन एक बार खाली पेट लेने से शरीर का वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है… वहीँ दूसरी तरफ गुजरात के डांग आदिवासी मानते है की यह लीवर और फेफड़ों के लिए लाभकारी टॉनिक होता है…दीपकजी का संपर्क है 9824050784

This is a message of Deepak Aacharya from Abhumka Herbals, Ahmedabad…In this message he is telling us how tribal peoples use Tomato juice to enhance glossiness of their face.. For doing so take one glassful Tomato juice add two tablespoon Honey in it and drink regularly for month…Secondly, Grind 2 Tomatoes along with 1 glass water in mixer and drink without filtration ..it should be continued for month… Herbal experts of Patalkot who are known as “Bhumka” they are using this combination for reducing weight & on another side “Daang” Adiwasi’s of Gujrat believe this preparation is very good tonic for lever & lungs…Deepakji’s at 9824050784


वजन घटाने का परंपरागत उपाय / Traditional method for losing weight
December 18, 2013

यह संदेश डॉ एच.डी गाँधी का स्वास्थय स्वर से है…अपने इस संदेश में डॉ. गाँधी हमें मोटापा घटाने और अतिरिक्त चर्बी को कम करने का परंपरागत तरीका बता रहे है..इनका कहना है की मोटापा कम करने के लिए 250 ग्राम मेथी-दाना, 100 ग्राम आजवाइन और 100 ग्राम वन-जीरा को भूनकर इसका चूर्ण बनाकर किसी बोतल या हवाबंद डब्बे में रख ले…यह औषधियां प्रायः सभी जगह उपलब्ध होती है… इस चूर्ण को आधा या एक चम्मच की मात्रा में रात को सोते वक्त गुनगुने पानी के साथ लेना है…इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खाये… यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकते है…इसका पूरा लाभ लेने के लिए इसका सेवन तीन माह तक करें…इस प्रकार करने से शरीर की अतिरिक्त वसा समाप्त होकर शरीर कांतिमय होने लगेगा…डॉ. एच डी गाँधी का संपर्क है 9424631467

This is a message of Dr. H D Gandhi from Swasthya Swara… In this message he is telling us traditional method to reduce excess fat from our body… For doing so  roast 250 gms Fenugreek seeds, 100 gms Carom seeds & & 100 gms Black cumin & grind until powder is formed. Keep this powder in a airtight container. Take this combination half to one table spoon in quantity with lukewarm water at bedtime & avoid to take any food at least an hour after taking this preparation.. For better results it should be continued for three months…Dr. Gandhiji’s at 9424631467


चमेली के पत्तियों के गुण / Properties of Jasmine leaves
December 17, 2013

यह संदेश शिवेंद्र कुमार प्रजापति का जिला अनुपपुर, मध्यप्रदेश से है…इस संदेश में शिवेंद्रजी हमें चमेली के पत्तियों के औषधीय गुणों के विषय में बता रहे है… इनका कहना है की अगर किसी को मसूढ़ों में दर्द हो तो चमेली के पत्तियों को पानी में उबालकर उससे गरारे करने से दर्द में आराम मिलता है… मुहँ में अगर छाले हो गए हो तो चमेली के पत्तों को पान की तरह चबाने से लाभ मिलता है… सरदर्द होने पर सर पर चमेली के फूलों का लेप या चमेली के तेल से सर की मालिश करने से सरदर्द से राहत मिलती है…चमेली के 10 ग्राम पत्ते पीसकर पानी के साथ पीने से पेट के कीड़े नष्ट होकर नित्यक्रिया के दौरान निकल जाते है…अगर उल्टियाँ हो रही हो तो 10 मी.ली चमेली के पत्तियों के रस में 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटने से आराम मिलता है शिवेंद्र का संपर्क है 9981915159

This is a message of Shivendra Kumar Prajapati from Anuppur dist., Madhya Pradesh… In this message Shivendraji is telling us about the medicinal properties of Jasmine leaves…In Toothache & Gums pain Jasmine leaves boil in water and rinse your mouth using this water can be useful to get relief… In case of mouth ulcers chewing of Jasmine leaves could be beneficial… In Headache apply Jasmine flower paste on affected area or massage gently by Jasmine oil… In case of vomiting 10 ml Jasmine leaves juice with 2 gram Black pepper powder could be taken… Shivendra’s at 9981915159


अतिसार एवं वमन का उपचार / Treatment of Diarrhea & Vomiting
December 16, 2013

यह सन्देश अब्बास खान का पिपलिया  इलाही, सागर मध्यप्रदेश से है…इस सन्देश में वह अतिसार एवं वमन का इलाज बता रहे है…इनका कहना है की इसके लिए वयस्क व्यक्ति को एक चम्मच प्याज के रस में 2 संजीवनी की गोली मिलाकर दे और बच्चों को एक चम्मच प्याज के रस में 1 संजीवनी की गोली मिलाकर दे… इससे वमन एवं अतिसार दोनों में लाभ मिलता है…अब्बासजी का संपर्क है द्वारा अनंतराम श्रीमाली 9179607522
This is a message of Abbas Khan from Pipaliya Ilahi, Sagar Madhya Pradesh…In this message he is telling us the traditional treatment of Diarrhea and Vomiting…For Adults take one teaspoon onion juice with 2 pills of Snajavini..& for children give them a teaspoon of onion juice with 1 pill of  of Sanjivni…This remedy can equally works in both Diarrhea & Vomiting…Contact of Abbas Khan’s is C/o Anantram Shrimali 9179607522


मुनक्का के औषधीय गुण / Medicinal Properties of Dry Grapes
December 15, 2013

यह संदेश डॉ. एच. डी. गाँधी का स्वास्थय स्वर से है आज यह हमें सर्दी की दिनों में मुनक्का के प्रयोग के बारे में बता रहे है…इनका कहना है की मुनक्का का उपयोग सर्दी-जुकाम, चर्मरोग, कब्ज और पौष्टिकता के लिहाज से किया जाता है…रात भर पानी में भीगी 10-12 मुनक्का सुबह बीज निकालकर चबा-चबा के खाने से खून की कमी दूर होती है साथ ही चर्मरोग और नकसीर में भी लाभ मिलता है. एक पाव दूध में 10 मुनक्का उबाल ले…उसमे एक चम्मच शुद्ध घी और स्वादानुसार मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से शारीरिक कमजोरी में लाभ मिलता है…8-10 नग मुनक्का भूनकर उसमे काला नमक मिलाकर खाने से कब्ज में राहत मिलती है… नजला-जुकाम और एलर्जी में4-6 नग मुनक्का और लहसुन भूनकर खाने से लाभ होता है पर इसे खाने के बाद पानी न पियें… जो बच्चे रात को बिस्तर में पेशाब करते है उन्हें 2-3 मुनक्का बीज निकालकर रात को सोने के पहले 21 दिनों तक खिलाने से लाभ मिलता है… डॉ. एच. डी. गाँधी का संपर्क है 9424631467

This is a message of Dr. H.D. Gandhi from Swasthya Swara… In this message he is telling about the medicinal usages of Dry Grapes (Munnaka). He said it is very useful for curing cough-cold, skin disease, nosebleed & for nourishing health. To get relief in physical weakness boil 10 nos Dry Grapes in 250 ml milk add 1 tablespoon pure ghee & sugar candy… take this combination empty stomach regularly in morning & this should be continued until winter…By eating overnight soaked 10-12 nos Dry Grapes can be useful for curing skin diseases & can also beneficial for Anemic persons…To get rid of constipation eat 8-10 nos roasted Dry Grapes with rock salt… 4-6 nos Dry Grapes & Garlic could be taken to get relief from cough-cold…Don’t drink water after eating this preparation. 2-3 seedless Dry Grapes could be given at bed time to Nocturnal enuresis suffering children & it should continued for 21 Days…Dr. H. D. Gandhi’s at 9424631467


हकलाने / तुतलाने की चिकित्सा / Treatment of Stammering & Lisping
December 14, 2013

यह सन्देश निर्मल महतोजी का बोकारो झारखण्ड से है…अपने इस सन्देश में निर्मलजी हमें बच्चों की बीमारियों के इलाज के विषय में बता रहे हैं….बचपन में अक्सर बच्चे हकलाना, तुतलाना जैंसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं….इनका कहना है की फूला हुआ सुहागा शहद में मिला कर जीभ पर रगड़ने से हकलाना कम हो जाता है…दूसरा इलाज बच्चा एक ताजा हरा आंवला कुछ दिन चबाये तो उसका तुतलाना बंद हो जाता है…तीसरा इलाज यदि बच्चा मुहँ में दो काली मिर्च रखकर चबाएं और चूसें यह प्रयोग दिन में दो बार लम्बे समय तक करें…..चौथा इलाज तेजपत्ता को जीभ के नीचे रखने से रुक रुक कर बोलना और हकलाना बंद हो जाता है…निर्मल महतो का संपर्क है 09204332389

 This message is recorded by Shri Nirmal Mahto from Bokaro, Jharkhand. In this message he is advising about the treatment of stammering (Haklanaa). To cure stammering he suggests four remedies. First is to rub puffed Borax (Suhaga) & some honey on tongue this can reduce stammering. In second treatment affected child chew fresh green Indian gooseberry (Amla) regularly for few days, it is effective to reduce Lisping. Third one is if affected child can chew 2 Black pepper twice a day regularly it can be useful. Nirmalji’s at is 09204332389…


अपामार्ग के औषधीय गुण / Medicinal Properties of Achyranthes aspera
December 13, 2013

यह सन्देश डॉ दीपक आचार्य का अभुमका हर्बल्स प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद से है…उनका यह कहना है की मध्यप्रदेश के पातालकोट में आदिवासी अपामार्ग या लट्ठजीरा का औषधीय उपयोग किस प्रकार करते है…अपामार्ग अक्सर खेत खलियानों के आस पास या सड़कों के किनारे देखा जा सकता है, जब हम खेतों या आस पास के उद्यानों में जाते हैं तो अक्सर इसके बीज हमारे शरीर पर कपड़ों पर चिपक जाते हैं और यह जीरे की तरह दिखाई देते हैं…पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार यदि लटजीरे के बीजों को एकत्र करकर मिटटी के बर्तन में भूनकर उसे पीसकर चूर्ण बनाकर लगभग आधा चम्मच इसे खाया जाये तो भूख कम लगती है तथा यह शरीर की वसा को भी कम करता है इस प्रकार यह कम करने में भी मदद करता है इसके कोई दुष्परिणाम भी नहीं है….इसके तने को साफ़ करकर दातुन की तरह उपयोग करें तो दांतों से जो खून बहने की समस्या होती है वह भी धीरे-धीरे इससे समाप्त हो जाती है….दीपकजी का संपर्क है 9824050784

 This message is a message of Deepak Acharya from Abhumka Herbals, Ahemdabad…In this message he is telling us about how the Tribal of Patalkot use the Apamarg plant as a medicine….He said Apamarg is a common weed & could be easily found everywhere. Whenever anybody passes nearby this weed its seeds stick with our body and clothes ..It looks like Jeera (Cumin)..According to Tribal knowledge tribes of Patalkot if we collect the seeds of Apamarg and roast them in clay pot and grind well to make powder…This powder can be useful for loosing weight…Deepakji’s at 9824050784


पथरी का उपचार / Treatment of Stone Problem
December 12, 2013

यह संदेश श्री. अवधेश कश्यप का जिला कोटा, छत्तीसगढ़ से है… इस संदेश में अवधेशजी पथरी के उपचार के बारे में बता रहें है.. इनका कहना है की इसके उपचार का परम्परागत ज्ञान अमूल्य है… इसके उपचार के लिए पाषणभेद जिसे पत्थरचूर भी कहते है की 10 पत्ते और अजवायन के 10 पत्ते  (छोटी पत्तियां अधिक उपयुक्त होती है) को पीसकर उसकी लुगदी बना ले और उस लुगदी में एक चम्मच गोखरू चूर्ण (गोखरू चूर्ण बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है) मिलाकर 3 दिनों तक सुबह खाली पेट लेना है जिसे पित्ताशय में पथरी हो उसे यह योग 15 दिनों तक लेना है…यह विरेचक और दस्तावर है इस प्रक्रिया में दस्त और उल्टियाँ भी हो सकती है…

पत्तियों का चयन करते समय अनुपात का ध्यान रखे अगर पत्तियां छोटी हो तो भी दस ही लेनी है…अवधेश कश्यप का संपर्क है: 7587038414

This is a message of Vidhya Awadhesh Kashyap from Kota, Chhatisgarh.. In this message Awdheshji is telling about the treatment of stone. He say’s traditional healing knowledge is invaluable…Here, he suggests remedy for the treatment of stone related problems. Take 10 leaves of Pashanbhed (Bergenia ciliata), 10 leaves of Carom plant (Trachyspermum ammi), for this small leaves are suggested the grind them well until a paste is formed then mix one spoon of Gkhuru powder (Tribulus terrestris) & mix them well. Take this preparation at morning with empty stomach for 3 days & for those who has stone in Gallbladder they can continue this remedy for 15 days. Due to the cathartic nature of this remedy symptoms of vomiting and loose motions could be possible.

Care should be taken when choosing leaves, even  if leaves are smaller in size they should be always 10 nos.


कपास के पेड़ की उपयोगिता / Importance of Cotton Plant
December 10, 2013

यह संदेश श्री निर्मल कुमार अवस्थीजी का वार्ड क्रमांक 4, कस्तूरबा नगर, छत्तीसगढ़ से है…आज निर्मलजी हमें कपास के पेड़ की उपयोगिता को वर्णित कर रहे है…उनका कहना है की ईश्वर ने मानव को स्वास्थ्य रखने के लिए आलग -अलग प्रकार की वनस्पतियों की उत्त्पति की है…ईश्वर ने कुछ ऐसी वनस्पतियाँ बनाई है जिस पर पुष्प लगे बिना फल प्राप्त, तो कुछ ऐसी भी जिस पर पुष्प तो लगते है  पर फल नहीं आते है…पुष्पों में ऐसा प्रकृति प्रद्दत दिव्य गुण अन्तर्निहित रहता है जिसके यथा-विधि उपयोग से हम अपना जीवन सुखी बना सकते है…निर्मलजी, कपास के पुष्पों और बीजों के चिकित्सीय गुणों के विषय में बता रहे है…इस वनस्पति पर आधारित  नुस्खे विभिन्न प्रकार के चर्म-रोगों, विषैले जंतुओं के काटने, और गर्भाशय से संबंधित चिकित्सीय निदानों पर प्रमुखता से है.. यह मुत्रक, निष्कारक और कान की सभी प्रकार की तकलीफों को दूर करने वाले होते है…इसके बीज (बिनौले) दूध बनाने वाले होते है… कपास की जड़ को पीसकर चावल  के पानी के साथ पिलाने पर श्वेत प्रदर में लाभ होता है… इसके बिनौले की मींगी और सौंठ को जल के साथ पीसकर अंडकोष पर लगाने से अंडकोष वृद्धी रूकती है….कपास के पुष्प का शरबत पिलाने से पागलपन में लाभ होता है और चित्त प्रसन्न होता है….बिनौले को पानी में औटाकर उसके पानी से कुल्ले करने से दन्त पीड़ा कम होती है…कपास की जड़ का काढ़ा पिलाने से पेशाब करने में होने वाली जलन मिटती है और मुत्रदाह में लाभ होता है…इसके बिनौले की मींगी को पानी के साथ पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाने से आग की जलन कम होती है…खुनी बवासीर में इसके केसर को शक्कर और मक्खन के साथ देने से लाभ होता है…. रक्त प्रदर और रक्तार्श में कमल का केसर, मुल्तानी मिट्टी और शक्कर मिलाकर फांकने से लाभ होता है…कमलडंडी और नागकेसर को पीसकर दूध के साथ पिलाने पर दूसरे महीने में होने वाला गर्भस्राव (गर्भपात) मिट जाता है… धातु रोग में कपास के बीजों की मींगी को पीसकर दूध के साथ पिलाने से लाभ होता है….श्री निर्मल अवस्थीजी का संपर्क है: 09685441912

 This message is recorded by Shri Nirmal Kumar Awasthi from ward No. 2, Kasturba Nagar , Chattisgarh …..In this message he is telling us about the medicinal properties of flowers & seeds of Cotton plant. Various parts of this plant can be used to cure different diseases….Remedy for Leucorrhoea is first grind Cotton plant add some rice water in it. This can be used as a tonic for Leucorrhoea patients. Boil cotton seed in water & this water can me used as mouthwash to strengthen teeth & gums…Squash of flowers of Cotton plant can useful in madness..For more information Nirmal Awasthi is at 09685441912

सर्दियों के लिए शक्तिवर्धक पाक / Health energizing tonic in winter
December 9, 2013

यह संदेश डॉ. एच डी गाँधी का धर्मार्थ दवाखाना मोतीनगर रायपुर छत्तीसगढ़ से है….इस संदेश में वह सर्दी के मौसम में शक्ति बढाने के लिए कई उपाय बता रहे हैं…पहले नुस्खे में वह शक्तिदायक, बलवर्धक मुसली पाक बनाने की विधि वह बता रहे हैं इसके लिए मुसली चूर्ण 2.5 किलो, कौंच बीज के 1 किलो चूर्ण को 5 लीटर दूध में पकाएं फिर उसे एक किलो घी में भुनकर उसमे 5 किलो मिश्री की चाशनी डाल दे… उसमे विदारीकन्द , गोखरू, सतावर, सौंठ का चूर्ण, दाल-चीनी, इलायची, नागकेसर ,लौंग, जायफल ,जायपत्ती और वंशलोचन 100-100 ग्राम मिला दें…इसे 10 ग्राम प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से शरीर बलवान होता है…दूसरा नुस्खा है बालसेमर का चूर्ण में दुगुनी मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से शक्ति बढती है…तीसरा नुस्खा है अश्वगंधा, सतावर सफ़ेद मूसली और विदारीकन्द सभी को 100-100 ग्राम तथा सौंठ, केसर, जायफल, लौंग को 10-10 ग्राम सभी का चूर्ण बनाकर एकसाथ रख लें फिर 10 ग्राम शहद और 200 ग्राम दूध के साथ प्रतिदिन सेवन करें सर्दियों के  लिए यह बहुत अच्छा नुस्खा है…5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 50 ग्राम आंवले के रस के साथ प्रातः काल खाली पेट सेवन करने से शक्ति बढती है…चौथा नुस्खा है त्रिफला एवं मुलैठी दोनों को 2-2 ग्राम तथा उसमे 5 ग्राम मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से मनुष्य स्वस्थ्य रहता है….पाँचवा नुस्खा है अश्वगंधा का 5 ग्राम के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ प्रातः काल एवं सायंकाल भोजन से पूर्व सेवन करने लाभ होता है छटवां नुस्खा है 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री और शहद मिलाकर 6 माह तक सेवन करने के से दुर्बलता 1 वर्ष के लिए दूर हो जाती है सातवा नुस्खा है….सफ़ेद मुसली और मिश्री में बड़ी इलायची के बीज मिलाकर पीसकर प्रातः और सायं सेवन करने से शीघ्र लाभ होगा… डॉ. एच. गाँधी का संपर्क है 9424631467

This is a message of Dr. H D Gandhi from Dharmath Dawakhana Motinagar, Raipur, Chhatisgarh…In this message he is telling us how to make traditional health tonic to increase our power & immunity during winter season..To make Musli Paak boil 1 kg Musli (Chlorophytum borivilianum) & 1 kg Kounch seed (Mucuna pruriens) powder in milk…then roast this combination in 5 kg pure ghee & add 5 kg sugar candy…now add Vidarikand (Pueraria tuberose) , Gokhru, Satavar (Asparagus racemosus), Dry Ginger powder, Cinnamon powder, Cardamom powder, Nagkeser (Mesua ferrea), Clove powder, Nutmeg powder, Jaypatti and Vanshlochan (Bambusa arundinacea) each in 100 gm quantity…To boost your immunity take this preparation 10 gms with milk…Dr. H D Gandhi is at 9424631467

1 comment:

  1. what is the use of sarpgandha plant how it can be used is it really repel snake or attract them please reply i have it but know very less about it

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