आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित ग्रंथों में घावों को जल्दी भरने के लिए अनेक प्रयोग बताए गए हैं। लेकिन फिर भी हर तरह के घाव को भरने के लिए घरेलू हल्दी को चमत्कारी औषधि का दर्जा दिया गया है। जिस बात को आयुर्वेद में हजारों साल पहले कह दिया था, उसकी सच्चाई और प्रामाणिकता पर आज विज्ञान जगत भी मुहर लगा रहा है। कैंसर की रोकथाम, दूषित खून की सफाई, डिमेंशिया से छुटकारा, गठिया, हानिकारक बेक्टीरिया और वायरस का सफाया, रोगों से लडऩे की क्षमता में इजाफा ....जैसे कई नायाब गुणों के साथ ही हल्दी में एक अन्य विशेष खूबी भी पाई जाती है। यदि कभी किसी को कोई चोट-मोच या जर्क लग जाए तथा दर्द, जकडऩ और सूजन की तकलीफ हो रही हो तो ऐसे में हल्दी का यह प्रयोग अवश्य करना चाहिये।
प्रयोग: चार चम्मच सरसों के तेल में 1चम्मच पिसी हल्दी लेकर धीमी आंच पर पका लें, इसमें 4-5 कलियां लहसुन की भी डाल दी जाएं तो लाभ और भी जल्दी होता है। थोड़ा ठंडा या गुनगना रहने पर किसी साफ कॉटन के साथ इस तेल में पकी हुई हल्दी को चोट के स्थान पर लगाकर बांध लें। कुछ ही घंटों में चोट और सूजन में काफी लाभ होगा।
फिटकरी- घाव वाले स्थान पर फिटकरी को भूनकर लगाने से भी घाव तेजी से भरने लगता है।
दूध के साथ प्रयोग: दो-तीन दिन लगातार दूध मे 1-चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीने से भी चोट-मोच, दर्द और सूजन में तत्काल राहत मिलती है।
प्रयोग: चार चम्मच सरसों के तेल में 1चम्मच पिसी हल्दी लेकर धीमी आंच पर पका लें, इसमें 4-5 कलियां लहसुन की भी डाल दी जाएं तो लाभ और भी जल्दी होता है। थोड़ा ठंडा या गुनगना रहने पर किसी साफ कॉटन के साथ इस तेल में पकी हुई हल्दी को चोट के स्थान पर लगाकर बांध लें। कुछ ही घंटों में चोट और सूजन में काफी लाभ होगा।
फिटकरी- घाव वाले स्थान पर फिटकरी को भूनकर लगाने से भी घाव तेजी से भरने लगता है।
दूध के साथ प्रयोग: दो-तीन दिन लगातार दूध मे 1-चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीने से भी चोट-मोच, दर्द और सूजन में तत्काल राहत मिलती है।
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