Friday, 30 March 2012

कैसे भी मुंहासे हों, घर पर बने इस आयुर्वेदिक तेल से साफ हो जाएंगे

आयुर्वेद में मुहांसों को यौवन पीडि़का भी कहा जाता है। यौवन पीडि़का यानी यौवन में पीड़ा देने वाली यह समस्या तकलीफ तो देती ही है साथ ही चेहरे भी भद्दा दिखाई देता है। इस उम्र में जिन्हें मुंहासों की समस्या हो उन युवाओं को अपने खाने में तेज मिर्च मसाले वाले, खट्टे तीखे पदार्थों को शामिल नहीं करना चाहिए।

दोनों वक्त, सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले पेट साफ होना आवश्यक है। भोजन करते समय खाना ठीक से चबाना चाहिए। इतना करते हुए, मुहांसे ठीक करने के लिए, निम्रलिखित दवाई का सेवन करना चाहिए।



सामग्री-पलाश के फूल, लाल चंदन, लाख, मजीठ, मुलहठी, कुसुम, खस, पदमाख, नील, कमल,बड़ की जटा, पाकड़ की मूल, कमल केशर, मेंहदी, हल्दी, दारुहल्दी और अनन्तमूल-सभी 16 द्रव्य 50-50 ग्राम। तिल का तैल 200ml बकरी का दूध 200 ml और पानी 3 लीटर।



कैसे बनाएं-सब द्रव्यों को खूब कूट पीस कर महीन कपड़ छन चूर्ण कर लें। फिर तीन लीटर पानी में इन्हें इतनी देर तक उबालें कि पानी एक चौथाई बचे। इसे छान लें। अलग से केशर, मजीठ, मुलहठी, लाख व पतंग 10-10 ग्राम ले कर लुगदी बनाकर इसमें डाल दें। फिर तैल व बकरी का दूध डाल कर मंदी आंच पर पकाएं। जब पानी व दूध जल जाए, सिर्फ तैल बचे, तब उतार कर ठंड कर लें और छान कर बाटल में भर लें।



 मात्रा और सेवन विधि- अनामिका अंगुली से तैल मुहांसों पर लगा कर चेहरे को मलना चाहिए। एक बार सुबह स्नान करने से आधा घंटा पहले और दूसरी बार रात को सोने से आधा घंटा पहले इस तैल लगा कर मसाज करें। 

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