Wednesday, 31 August 2011

बस थोड़ी सी सौंफ और बीमारियां हो जाएंगी छू-मंतर

सौंफ गुणों का खजाना है। किचन का साथी सौंफ सिर्फ एक मसाला भर नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ के नियमित सेवन से कई तरह का स्वास्थ्य लाभ होता है।

- बादाम, सौंफ  और मिश्री तीनों बराबर भागों में लेकर पीसकर भर दें और रोज दोनों टाइम भोजन के बाद 1 टी स्पून लें। इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है।

भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ  लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।

 - 5-6 ग्राम सौंफ  लेने से लीवर ठीक रहता है और आंखों की ज्योति बढ़ती है।

- खाने के बाद थोड़ी सौंफ से मरोड़, दर्द और गैस्ट्रो विकार में भी लाभ होता है।

- तवे पर भुनी हुई सौंफ  के मिक्स्चर से अपच के मामले में बहुत लाभ होता है। दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ  को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ  की समस्या समाप्त होती है। अस्थमा और खांसी में सौंफ  सहायक है। कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना फायदेमंद है।

- आधी कच्ची सौंफ  का चूर्ण और आधी भुनी सौंफ के चूर्ण में हींग और काला नमक मिलाकर 2 से 6 ग्राम मात्रा में दिन में तीन-चार बार प्रयोग कराएं इससे गैस और अपच दूर हो जाती है।भूनी हुई सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर हर दो घंटे बाद ठंडे पानी के साथ फँकी लेने से मरोड़दार दस्त, आँव और पेचिश में लाभ होता है। यह कब्ज को दूर करती है।

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