सौंदर्य व औषधीय गुणों से भरपूर है चंदन
प्राचीन काल से लेकर अब तक चंदन से मनुष्य का विशेष लगाव रहा है। धूप, अगरबत्ती, परफ्यूम, उबटन पाउडर आदि में चंदन की सुगंध व शीतलता का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
चंदन एक सदाबहार, घना व छायादार वृक्ष है। यह अपने आस-पास के पौधों से पोषक तत्व सोखता रहता है। इसके प्राकृतिक गुण वातावरण को सुगंधित बनाए रखते हैं। यह श्वेत व लाल रंग का होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह खूब होता है।
चंदन सिर्फ पूजा पाठ के लिए ही काम में नहीं लाया जाता वरन् इसका उपयोग सौंदर्य व औषधि के रूप में भी किया जाता है। चंदन घिसकर देवताओं को लगाया जाता है। प्रतिदिन चंदन लगाने से स्मरण शक्ति ठीक रहती है। चुस्ती-फुरती भी बनी रहती है।
चंदन ते तेल से बने सैंट, परफ्यूम लगाने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता। चंदन वाला टेलकम पाउडर लगाने से गर्मी से राहत मिलती है।
*कफ वाली खांसी होने पर चंदन तेल की 3-4 बूंदे बताशे पर डालकर खाएं। आराम मिलेगा।
*गर्मियों में उल्टियां होने पर चंदन को घिसकर आंवले के रस या मुरब्बे के साथ खिलाएं।
*यदि आपकी त्वचा से दुर्गंध आती है तो चंदन की तेल की मालिश करें।
*सिरदर्द व मानसिक परेशानी होने पर माथे पर चंदन का लेप करें आराम मिलेगा।
*दुर्गंध दूर करने के लिए चंदन की अगरबत्ती जलायें। माहौल भीनी-भीनी खुशबू से महकने लगेगा।
*चंदन की छाल को घिसकर त्वचा के रोगों में लगाने से तुरंत असर होता है।
*उबटन में हल्दी के साथ चंदन मिलाकर लगाने से चेहरे के काले दाग, झुर्रियां मुंहासे दूर हो जाते हैं व चेहरा साफ व चमकने लगता है।
*चंदन का धुआं कीटनाशी भी होता है। लू लग जाने पर हाथ, पैरों पर चंदन को घिसकर लगाएं व चंदन का शर्बत पुदाने के रस के साथ पिएं।
*जले-कटे स्थान पर तथा सृजन होने पर चंदन लगाने से आराम मिलता है।
*सफेद चंदन को घिस कर शहद, मिश्री मिलाकर चावल के घोए हुए पानी के साथ पीने से रक्ततिसार में लाभ होता है
*पतले दस्त होने पर चंदन घिसकर मिश्री या खस के दानों को पीसकर उसके साथ पानी में घोल कर पी लें।
*एड़ियों के फटने पर चंदन का तेल लगाने से आराम मिलता है।
*बुखार में चंदन का तेल माथे पर लगाएं। इससे बुखार नियंत्रण में आ जाता है।
*चंदन को आप कंडीशनर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बालों को मजबूती देता है। इसका प्रयोग बालों को चमक व पोषण देता है।
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