: बालों का असमय गिरना एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है जिसके लिए आजकल की तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी को जिम्मेदार ठहराना गलत नहीं होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने-पीने और सोने में थोड़ी सी भी लापरवाही से बाल झड़ने लग जाते हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि आजकल ये सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी देखा जा रहा है। महिलाओं पर बढ़ती जिम्मेदारी, हार्मोन चेंज भी इसकी वजहें हो सकती हैं। वैसे तो कई बार मौसम में बदलाव भी बालों के गिरने का कारण होता है, लेकिन अगर मौसम जाने के बाद भी इनका गिरना जारी है तो ध्यान देने वाली बात है। आज हम आपको बताएंगे 10 ऐसे कारण जिनके चलते महिलाओं के बाल भी ज़रूरत से ज़्यादा झड़ने लग गए हैं।
स्टाइलिंग- बालों के स्टाइल से आपका लुक तो चेंज होता ही है, लेकिन क्या आपको पता है कि बालों में बार- बार स्टाइलिंग करने से भी आपका लुक बिगड़ सकता है। बालों को नेचुरल घना और लंबा रखना है तो इस पर जैल, स्प्रे, कलर, मूस जैसे केमिकल्स लगाने से बचें। दरअसल, ज्यादा केमिकल सिर की त्वचा पर असर डालते हैं, जिससे बाल कमज़ोर होते हैं और फिर गिरना शुरू हो जाते हैं।गलत तरीके से कंघी करना, टाइट चोटी बांधना, बालों को एक ही स्टाइल में रखना भी इसकी एक खास वजह है।
हार्मोन्स में बदलाव- गर्भावस्था के पहले और बाद में महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते है। ये बदलाव भी बालों के झड़ने का कारण हो सकते हैं। इसके अलावा थायरॉइड, मासिक धर्म में अनियमितता भी वजहें हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बदलाव
खून की कमी- महिलाओं के शरीर में फोलिक एसिड की कमी और मासिक धर्म के चलते खून की कमी बन जाती है। खून की कमी से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। जब तक ऑक्सीजन हेयर फॉलिकल्स तक नहीं पहुंचेगा, तब तक उसे पोषण नहीं मिलेगा। इस पोषण की कमी से ही बाल असमय गिरने लगते हैं।
मासिक धर्म का बंद होना- जैसे ही महिलाएं इस स्टेज पर पहुंचती हैं, उनके बाल एकदम से गिरने शुरू हो जाते हैं। दरअसल, अब उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इससे बाल रूखे और बेजान होकर टूटने लगते हैं। इसे रोकने के लिए माइल्ड शैंपू और खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
डिलीवरी- ज्यादातर महिलाओं में डिलीवरी के बाद बालों के गिरने की समस्या को देखा गया है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बहुत बढ़ जाता है और बच्चा पैदा होने के बाद ये फिर से अपने लेवल पर आ जाता है। ये उतार-चढ़ाव ही बालों के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इस स्थिति में खाने-पीने पर ध्यान देकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं।
खान-पान पर ध्यान न देना
प्रोटीन- बालों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाने के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों तरफ से प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। चना, स्प्राउट्स, मेथी, तिल, आंवला जैसी चीजों में नेचुरल प्रोटीन होता है, जो पचने के बाद अमीनो एसिड में टूटकर एंजाइम और हार्मोन बनाते हैं। ये बालों की जड़ों को मजबूत बनाकर उन्हें टूटने से रोकते हैं। इसके लिए आप प्रोटीन युक्त शैंपू और कंडीशनर का चुनाव भी कर सकते हैं।
इलाज- जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं, किसी भी प्रकार की हार्मोनल बैलेंस वाली दवाइयां लेती हैं या इलाज करा रही हैं, उनके साथ भी ये समस्या हो सकती है। कैंसर के मरीजों के बाल तुरंत झड़ जाते हैं। इसकी मुख्य वजह कीमोथेरेपी है।
वजन घटाना- बहुत ज्यादा डाइटिंग करना, एकदम से वजन घटाना भी बालों के ग्रोथ में समस्या पैदा कर सकता है। डाइटिंग के दौरान आप उन सभी खाने-पीने की चीज़ों को लेना बंद कर देते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है और जो शरीर के साथ-साथ बालों को भी पोषण प्रदान होता है।
अन्य वजहें
थायरॉइड - थायरॉइड की प्रॉब्लम से ट्रीडोथायरॉनीन और थायरॉक्सीन हार्मोन्स का निकलना बंद हो जाता है जो शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है। हाइपरथॉयरडिज्म से जूझ रहे व्यक्ति के अंदर इसकी मात्रा ना के बराबर हो जाती है जिससे जरूरी तत्व बालों तक नहीं पहुंच पाते। लेकिन थायरॉइड के उपचार से इसे खत्म भी किया जा सकता है। हमारे शरीर में कई प्रकार की एंटीबॉडीज बनती हैं जो अनेक प्रकार के सेल्स और टिश्यूज़ से लड़ने में मददगार होती हैं। कई बार ये भी बालों के झड़ने की वजह बन जाती है।
कई प्रकार की बीमारियां- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस(तनाव) भी बालों के झड़ने के कारण हैं। डायबिटीज से हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में जरूरी पोषण और ऑक्सीजन बराबर मात्रा में नहीं पहुंच पाता। ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं होने से बाल रूखे हो जाते हैं और असमय गिरने लगते हैं। इसके अलावा सिर की त्वचा पर फंगल संक्रमण के कारण भी बाल गिरने लगते हैं।
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