Monday, 12 December 2011

बिना दवा कंट्रोल करें थुलथुली काया अपनाएं लहसुन का ये अचूक चटपटा प्रयोग


आयुर्वेद के अनुसार यह मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब चौदह रत्नों में से एक अमृत भी हासिल हुआ तो देवताओं व दानवों में विवाद हो गया। तब ब्रह्मा ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग पंक्तियों में बैठाकर अमृत बांटना शुरू किया। उस समय राहु नामक राक्षस ने देवताओं की पंक्ति में रूप बदलकर बैठ गया और अमृतपान कर लिया।

लेकिन जब देवताओं को पता चला कि वह राक्षस है तो भगवान विष्णु ने उसकी गर्दन काट दी लेकिन अमृत उसके हलक में पहुंच चूका था। इस घटना के दौरान दानव द्वारा पीए अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। लेकिन चूंकी माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग क्षीण नहीं होते हैं। यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन चिकना, गरम, तीखा, कटु, भारी, कब्ज को तोडऩे वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं नीचे लिखे लहसुन के अचूक प्रयोग-

- लहसुन की पांच-छ: कलियां पीसकर मट्ठे में भिगो दें। सुबह पीस लें। उसमें भुनी हिंग और अजवाइन व सौंफ के साथ ही सोंठ व सेंधा नमक,    पुदीना मिलाकर चूर्ण बना लें। आधा तोला चूर्ण रोज फांकना चाहिए।

- लहसुन की चटनी तथा लहसुन को कुचलकर पानी का घोल बनाकर पीना चाहिए।

- लहसुन की दो कलियां भून लें उसमें सफेद जीरा व सौंफ सैंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी से करें।

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