व्यस्त, तनावग्रस्त और अनियमित दिनचर्या की वजह से स्वास्थ्य को बिगाडऩे वाले अनेक रोग आज बहुतयात में लोगों को परेशान किए हुए है। आमतौर पर देखा जाता है कि जब कोई व्यक्ति ऐसे किसी रोग से पीडि़त हो जाता है, तो अन्य कई बिमारीयां उसे घेर लेती हैं।
आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। कुछ ऐसी ही जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार नुस्खा यहां बताया जा रहा है, जो उच्चरक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव, दिल की धड़कनों का बढऩा, शरीर में जलन सी रहना आदि व्याधियों पर बहुत असरकारक है।
सामग्री- अश्वगंधा, जटामांसी, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, पुष्कर मूल, तगर, कपूर कचरी और बड़ी इलायची।
बनाने की विधि- इन सबकी बराबर-बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर महीन चूर्ण तैयार कर लें। बस तैयार है, अनमोल नुस्खा। इसे साफ -सूखी शीशी में भरकर रख दें। रोग तथा रोगी की स्थिति के अनुसार डेढ़ से 3 ग्राम तक की मात्रा में रात में सोने से पहले पानी से लें। यदि रोग बढ़ा हुआ है, तब दिन में भी एक बार इतनी ही मात्रा में और ले सकते हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित उक्त नुस्खा भले ही तुरंत असर न दिखाए लेकिन यह रोग की जड़ पर प्रहार कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है।
आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। कुछ ऐसी ही जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार नुस्खा यहां बताया जा रहा है, जो उच्चरक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव, दिल की धड़कनों का बढऩा, शरीर में जलन सी रहना आदि व्याधियों पर बहुत असरकारक है।
सामग्री- अश्वगंधा, जटामांसी, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, पुष्कर मूल, तगर, कपूर कचरी और बड़ी इलायची।
बनाने की विधि- इन सबकी बराबर-बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर महीन चूर्ण तैयार कर लें। बस तैयार है, अनमोल नुस्खा। इसे साफ -सूखी शीशी में भरकर रख दें। रोग तथा रोगी की स्थिति के अनुसार डेढ़ से 3 ग्राम तक की मात्रा में रात में सोने से पहले पानी से लें। यदि रोग बढ़ा हुआ है, तब दिन में भी एक बार इतनी ही मात्रा में और ले सकते हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित उक्त नुस्खा भले ही तुरंत असर न दिखाए लेकिन यह रोग की जड़ पर प्रहार कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है।
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