हर इंसान की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है। उसके शरीर में कई तरह के शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं। ऐसे ही उम्र बढऩे के साथ बाल सफेद होना प्रकृति का नियम है, लेकिन कई बार अनुवांशिक कारण या हार्मोनल चैंज के कारण या अन्य कारणों से कम उम्र में ही बाल सफेद हो जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे बालों का विकार भी कह सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल असमय सफेद न हो व लंबे समय तक काले बने रहें तो सिर्फ योग ही एक उपाय है जो आपके बालों को असमय सफेद होने से रोक सकता है। नीचे लिखे आसन को नियमित रूप से कर आप अपने बाल को लंबे समय तक काला बनाए रख सकते हैं।
सर्वांगासन की विधि: किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर शवासन में लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को जांघों की बगल में तथा हथेलियों को जमीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर उठाइएं तथा पीठ को कंधों तक उठाइएं। दोनों हाथ कमर के नीचे रखकर शरीर के उठे हुए भाग को सहारा दीजिएं। इस तरह ठुड्डी को छाती से लगाए रखें। अब सांस को रोके नहीं स्वाभाविक रूप से चलने दें।
यथाशक्ति पैर और धड़ को एक सीध में रखें। इस स्थिति में रुकने के बाद, पैरों को जमीन पर वापस ले आएं। पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए घुटनों को माथे के पास ले आएं। हाथों को जमीन रखते हुये शरीर और पैरों को धीरे-धीरे वापस शवासन में आ जाएं। अब शवासन में शरीर को शिथिल अवस्था में आ जाएं। आसन करते समय आंखों को खुला रखें।
सावधानियां - जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट में यह आसन न करें। इस आसन का अभ्यास पीठ दर्द, कमर दर्द, नेत्र रोगी और उच्च रक्तचाप के रोगी ने करें।
लाभ- लम्बी उम्र तक चेहरे पर चमक बनी रहती है। समय से पूर्व बाल सफेद नहीं होते हैं। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव, निराशा, हताशा एवं चिंताएं आदि रोगों का नाश होता है।
सर्वांगासन की विधि: किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर शवासन में लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को जांघों की बगल में तथा हथेलियों को जमीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर उठाइएं तथा पीठ को कंधों तक उठाइएं। दोनों हाथ कमर के नीचे रखकर शरीर के उठे हुए भाग को सहारा दीजिएं। इस तरह ठुड्डी को छाती से लगाए रखें। अब सांस को रोके नहीं स्वाभाविक रूप से चलने दें।
यथाशक्ति पैर और धड़ को एक सीध में रखें। इस स्थिति में रुकने के बाद, पैरों को जमीन पर वापस ले आएं। पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए घुटनों को माथे के पास ले आएं। हाथों को जमीन रखते हुये शरीर और पैरों को धीरे-धीरे वापस शवासन में आ जाएं। अब शवासन में शरीर को शिथिल अवस्था में आ जाएं। आसन करते समय आंखों को खुला रखें।
सावधानियां - जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट में यह आसन न करें। इस आसन का अभ्यास पीठ दर्द, कमर दर्द, नेत्र रोगी और उच्च रक्तचाप के रोगी ने करें।
लाभ- लम्बी उम्र तक चेहरे पर चमक बनी रहती है। समय से पूर्व बाल सफेद नहीं होते हैं। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव, निराशा, हताशा एवं चिंताएं आदि रोगों का नाश होता है।
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