क्षमता से ज्यादा काम और मानसिक तनाव के कारण आजकल दिल से सम्बन्धित रोग बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन कोई भी एक नया व्यक्ति दिल के रोग से पीडि़त मिल ही जाता है। किसी-किसी को तो ये रोग इतने ज्यादा हद तक होजाते हैं कि उनका इलाज केवल एन्ज्योग्राफी या बायपास सर्जरी ही होता है। अगर आप इन रोगों से बचना चाहते हैं तो लौकी का रस आपकी बहुत मदद कर सकता है। अगर आपको दिल से सम्बन्धी कोई भी बीमारी हो तो लौकी का रस जरूर पीएं।।
लौकी का ज्यूस बनाने की विधि- सबसे पहले लौकी को धो ले फिर उसे कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई लौकी में तुलसी के सात पत्ते और पुदीने की पांच पत्तियां डाल कर उसे मिक्सर में पीस लें। रस की मात्रा कम से कम 150 ग्राम होनी चाहिए। अब इस रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर तीन चार पिसी काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पीएं।
रस को पीने की विधि- यह रस किसी भी दिल के मरीज को दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को खाने के बाद पिलाना चाहिए। शुरूआत के दिनों में रस कुछ कम मात्रा में लें और जैसे ही वह अच्छे से पचने लगे इसकी मात्रा बढ़ा दें।
विशेष- लौकी का रस पेट के विकारों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है। जिसके कारण शुरूआत में पेट में गडग़ड़ाहट और खलबली मच सकती है इससे घबराएं नहीं कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाएगा। इस रस को पीने के साथ मरीज का अपनी पहले से चल रही दवाईयों को भी चालू रखना चाहिए पहले से चल रही दवाईयों को एकदम न छोड़ें।
लौकी का ज्यूस बनाने की विधि- सबसे पहले लौकी को धो ले फिर उसे कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई लौकी में तुलसी के सात पत्ते और पुदीने की पांच पत्तियां डाल कर उसे मिक्सर में पीस लें। रस की मात्रा कम से कम 150 ग्राम होनी चाहिए। अब इस रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर तीन चार पिसी काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पीएं।
रस को पीने की विधि- यह रस किसी भी दिल के मरीज को दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को खाने के बाद पिलाना चाहिए। शुरूआत के दिनों में रस कुछ कम मात्रा में लें और जैसे ही वह अच्छे से पचने लगे इसकी मात्रा बढ़ा दें।
विशेष- लौकी का रस पेट के विकारों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है। जिसके कारण शुरूआत में पेट में गडग़ड़ाहट और खलबली मच सकती है इससे घबराएं नहीं कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाएगा। इस रस को पीने के साथ मरीज का अपनी पहले से चल रही दवाईयों को भी चालू रखना चाहिए पहले से चल रही दवाईयों को एकदम न छोड़ें।
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