Friday, 18 November 2011

घर पर बनाएं ये आयुर्वेदिक चूर्ण वैवाहिक जीवन भर जाएगा आनंद से

आज की व्यस्ततम जीवनशैली ,तनावभरी दिनचर्या और भौतिक सुख सुविधायें जुटाने की लालसा ने खुशहाल वैवाहिक जीवन को एक सपने की तरह बना दिया है। काम ने इस पवित्र कर्म के मूल में निहित भाव एवं उद्देश्य को समाप्त कर दिया है। काम आज दाम्पत्य जीवन की औपचारिकता भर रह गया है ,इन्ही कारणों से यौन संबंधों को लेकर असंतुष्ट  युगलों  की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है आपको कमजोरी व क्षीणता महसूस होती है। अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो नीचे लिखे आयुर्वेदिक नुस्खे को जरूर अपनाएं निश्चित ही फायदा होगा।



सामग्री- 
सकाकुल मिश्री, सालम मिश्री, काली मूसली और शतावर सभी 40-40 ग्राम। बहमन सफेद बहमन लाल तोदरी छोटी, तोदरी बड़ी सभी 20-20ग्राम। सुरवारी के बीज, इंद्र जौ मीठे, जावित्री, जायफल, सौंठ, कुलींजन सभी 10-10 ग्राम। 



निर्माण विधि-
 सारी औषधियों को अलग-अलग कुट पीसकर बाद में उक्त अनुपात में मिलाकर साफ सूखी शीशी में भरकर रखें।



सेवन विधि- 
पांच ग्राम की मात्रा लेकर इस चूर्ण को 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाट लें। दूध के साथ न लें। उसी से दवा खानी चाहिए। इस मदनानंद चूर्ण के सेवन से धातु क्षीणता, नामर्दी की शिकायत भी कुछ दिनों मिट जाती है। वास्तव में यह चूर्ण कामोत्तेजना जाग्रत करने का बहुत अच्छा उपाय है। अगर स्त्री प्रसंग से परहेज करके इस दवा का सेवन छ: महीने तक कर लिया जाए तो बहुत ही अच्छा है।

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