Thursday, 18 November 2010

सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल

सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल
परवल दो तरह के होते हैं -एक कडुवा और दूसरा मीठा
बाज़ार में केवल मीठे परवल ही आते हैं जिनकी हम सब्जी खाते हैं. इसकी लताएँ होती हैं ,जो घरों में गमले में लगाई जा सकती हैं. एक बार लगाने पर एक से ज्यादा फसल इनसे मिलती है.
परवल बनाने के तो हजार तरीके प्रचलित हैं ,पर आइये आज देखते हैं कि इनका औषधीय उपयोग क्या है?
***सबसे पहले यह देखिये कि परवल में खून शुद्ध करने का बहुत महत्वपूर्ण गुण पाया जाता है. अगर शरीर में फोड़े -फुंसियां ज्यादा मात्रा में निकाल रही हैं तो बस परवल की कम मसालेदार सब्जी खाना शुरू कर दीजिये २१ दिनों में ही खून की सारी अशुद्धता दूर हो जायेगी और फोड़े फुंसियां निकलना बंद हो जायेंगी
***अगर कहीं आपको कडुवा परवल मिल जाए तो वो आपके गंजेपन को चुटकी बजाते ही दूर कर देगा. कडुवे परवल का रस निकालिए और उसे गंजे सर पर सिर्फ सात दिनों तक लेप कीजिए और रात भर छोड़ दीजिये , नए बाल उग आयेंगे
*** परवल के पत्तों का रस भी गंजेपन को दूर कर देता है ,२१ दिन लगाना पडेगा
*** चेचक निकली हो तो परवल की जड़ का काढा बस दो बार आधा आधा कप पिला दीजिये
*** अगर सर में दर्द हो तो परवल की जड़ को घिस कर मलहम बना लीजिये और उसे माथे पर लेप दीजिये, फ़ौरन आराम मिलेगा
*** हैजा हो गया हो तो परवल और इसके पत्ते की ही सब्जी बार बार खिलाये ,बेहद आराम महसूस होगा .
*** अपच की शिकायत हो या पेट कमजोर हो तो परवल और इसके पत्तों का काढा बनाइये और मिश्री या शक्कर मिला कर आधा आधा कप सुबह शाम ३ दिनों तक पिला दीजिये
देखा आपने परवल कितना गुणकारी होता है ,भला डाक्टर्स इसे खाने की राय न दें तो क्या करें ,इसकी उपेक्षा बहुत मुश्किल है.
मुझे उम्मीद है कि आप लोग खोज-खाज कर दोनों तरह के परवल अपने गमलों में लगा लेंगे क्योंकि बाजार में तो सिर्फ परवल मिलता है ,इसके पत्ते और जड़ तो मिलते नहीं .
सिर्फ मरीजों की सब्जी नहीं है परवल

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