परवल भारत के हर राज्य में सब्जी के तौर पर खाया जाता है। दिखने में यह कुंदरू की तरह होता है, लेकिन आकार में उससे थोड़ा बड़ा। बाजार में परवल लगभग सभी मौसम में बिकते हुए देखा जा सकता है। सब्जियों के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला परवल आदिवासियों के लिए किसी दवा से कम नहीं है। शहरी लोग इसके शायद इसके कई सारे औषधीय गुणों से वाकिफ नहीं हैं। इसकी सब्ज़ी और पत्ते भी बहुत फायदे करते हैं। इसमें पेट की कई बीमारियों का इलाज छिपा है। ये जल्दी चोट भी ठीक करता है।
तो चलिए आज जानते हैं किस तरह हिन्दुस्तानी आदिवासी परवल को अपनी हेल्थ की बेहतरी के लिए उपयोग में लाते हैं। परवल का वानस्पतिक नाम ट्रायकोसेन्थस डायोका है और इसे अंग्रेजी भाषा में पोईंटेड गोर्ड कहते हैं। अक्सर कई फलों और सब्जियों का अलग-अलग मौसम में सेवन करना ठीक नहीं माना जाता है, लेकिन सेहत के लिए उत्तम गुणों से भरपूर होने की वजह से आदिवासी परवल का साल भर सेवन करते हैं। हमारी सीरीज़ 'सेहत का खजाना' में आज हम परवल के बारे में जानेंगे।
परवल की सब्जी पेट की बीमारियों का अचूक उपाय
परवल की सब्जी खाने से पेट की सूजन दूर हो जाती है। जिन लोगों को पेट में अक्सर पानी भर जाने की शिकायत होती है, उनके लिए परवल वरदान है। आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार परवल की सब्जी खाते रहने से पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं में आराम मिलता है।
परवल और हरी धनिया से मर जाते हैं पेड़ के कीड़े
परवल और हरे धनिया की पत्तियों की समान मात्रा (20 ग्राम प्रत्येक) लेकर, उसे कुचलकर रात भर पानी में भिगोएं और सुबह इसे छानकर तीन हिस्से करके प्रत्येक हिस्से में थोड़ा-सा शहद डालकर दिन में 3 बार पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
परवल का जूस मोटापा करता है दूर
आदिवासी मानते हैं कि परवल के फलों का जूस तैयार कर लिया जाए और इसमें थोड़ी मात्रा में सौंफ और हींग का पिसा हुआ चूर्ण मिला लिया जाए और सेवन किया जाए, तो मोटापा दूर होने लगता है। परवल का ताजा तैयार जूस ताकत और ऊर्जा देता है।
परवल के रस का लेप सिरदर्द में फायदेमंद
सिरदर्द होने पर परवल के रस का लेप लगाना चाहिए। परवल को कुचलकर इसका रस निकालें और उसे माथे पर लगाएं। ज्यादा दर्द होने पर परवल की पत्तियों को तोड़कर उनका भी रस तैयार कर उपयोग में लाया जा सकता है। जड़ों का रस भी सिरदर्द में राहत दिलाता है।
घाव सूखाने में मददगार परवल के पत्ते
परवल के पत्तों को पीसकर इसका लेप मवाद युक्त फोड़ें- फुंसियों और घावों पर लगाने से वो जल्दी सूख जाते हैं। अगर शरीर में ज्यादा फोड़े-फुंसी हो जाएं, तो कम मसालों से तैयार की गई परवल की सब्जी को 15 दिनों तक लगातार खाने से काफी आराम मिलता है। आदिवासियों के अनुसार परवल खून साफ करने में बहुत कारगर होता है।
त्वचा के रोग मिटाने के लिए खाएं पका हुआ परवल
पातालकोट के आदिवासी मानते हैं कि पका हुआ परवल खाने से त्वचा के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं। मध्यभारत में आदिवासी परवल का अचार तैयार करते हैं। माना जाता है कि परवल का अचार स्वादिष्ट होने के साथ- साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
परवल की जड़ों से साफ होता है पेट
अपच, कब्ज या अन्य किसी वजह से पेट की सफाई जरूरी हो, तो परवल की जड़ों को पानी में उबालकर एक गिलास पीने से पेट की सफाई हो जाती है। डांग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इस फॉर्मूले का सेवन रात को सोने से पहले करना चाहिए।